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19 Dec 2017

Abraham Lincoln Biography in Hindi- Inhelpu

Abraham Lincoln Biography in Hindi:--


 अब्राहम लिंकन अमेरिका के 16 वें राष्ट्रपति थे. इनका कार्यकाल सन 1861 से सन 1865 तक चला. इन्होंने अमेरिका में हो रही गुलामी की प्रथा से वहां के लोगों को मुक्त कराया. उनका मानना था कि जात –पात, गोर –काले, सब एक समान है इनमें कोई भेद नहीं है. अब्राहम लिंकन का जन्म एक गरीब अश्वेत परिवार में हुआ. वे पहले गणतंत्रवादी थे, जो अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए. इसके पहले वे एक वकील, इलिअन्स स्टेट के विधायक, अमेरिका के हाउस ऑफ़ रिप्रेसेंटेटिव्स के सदस्य थे. अब्राहम लिंकन ने अमेरिका की सबसे बड़ी लड़ाई में अपने साहस और हिम्मत से सफलता हासिल की. अब्राहम लिंकन ईमानदार और खुले विचारों वाले इन्सान थे, उनसे किसी का दर्द देखा नही जाता था.

अब्राहम लिंकन का जीवन परिचय 

नीचे दी गई सूची में अब्राहम लिंकन का जन्म, परिवार, उपलब्धि एवं मृत्यु दर्शाई गई है-

  क्र.म. जीवन परिचय बिन्दू अब्राहम लिंकन का जीवन परिचय
1. पूरा नाम- अब्राहम थॉमस लिंकन
2. जन्म- 12 फ़रवरी 1809
3. जन्म स्थान- होड्जेंविल्ले  केंटुकी (अमेरिका)
4. मृत्यु -15 अप्रैल 1865
5. माता- पिता- थॉमस लिंकन, नेन्सी
6. पत्नी- मैरी टॉड
7. बच्चे -रोबर्ट, एडवर्ड, विल्ली और टेड
8. व्यवसाय- वकील
9. राष्ट्रीयता- अमेरिकन
10. उपलब्धि- अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति
 अब्राहम लिंकन का सम्पूर्ण जीवन परिचय निम्न बिन्दुओं पर आधारित है-

जन्म (Abraham Lincoln Birth) –
अब्राहम लिंकन का जन्म केंटुकी (अमेरिका) के हार्डिन काउंटी में एक लोग केबिन में हुआ. उनके पिता थॉमस एक मजबूत और निर्धारित मार्ग प्रशस्त करने वाले इन्सान थे और समाज में सम्माननीय भी थे. अब्राहम की एक बड़ी बहन सारह और एक छोटा भाई थॉमस था, जिनकी बचपन में ही मृत्यु हो गई. जमीन के विवाद के समय सन 1817 में लिंकन को केंटुकी से इंडिआना के पैरी काउंटी में आना पड़ा, जहाँ उनका परिवार बहुत ही मुश्किलों में रह रहा था, किन्तु थॉमस ने अंत में एक जमीन खरीदी.
जब अब्राहम 9 साल के थे, तब उनकी माता की 5 अक्टूबर सन 1818 में 34 साल की उम्र में मृत्यु हो गई. उस समय उनकी दुनिया उजड़ गई थी और अब्राहम अपने पिता से अलग होते जा रहे थे और उस समय उन्होंने कड़ी मेहनत की. नेंसी की मृत्यु के एक साल बाद दिसम्बर 1819 में थॉमस ने सारह बुश जॉनसन से शादी कर ली, जोकि खुद विधवा थी और उनके 3 बच्चे भी थे. वे बहुत मजबूत और स्नेही महिला थी, उनकी अब्राहम के साथ अच्छी बोन्डिंग थी. वे दोनों ही ज्यादा पढ़े –लिखे नहीं थे, किन्तु सारह ने अब्राहम को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. थॉमस एक किसान थे, उनके पास ज्यादा पैसे नही थे इसलिए अब्राहम की पढ़ाई पूरी नही हो सकी. एक और कारण था कि इन्डियाना में पढ़ने के लिए किताबें आसानी से नही मिलती थी, जिसके कारण थॉमस को किताबें लेने बहुत दूर चल कर जाना पड़ता था. अब्राहम ने अपनी पढ़ाई घर पर ही पूरी की.

वकालत (Abraham Lincoln Education) –
मार्च 1830 में अब्राहम अपने परिवार के साथ मैकॉन काउंटी में रहने चले गए. अब्राहम की उम्र इस समय 22 वर्ष थी, वे यहाँ आकर मजदूरी का काम करने लगे. अब्राहम लिंकन का कद 6’4 फुट था और वे दुबले -पतले एवं लम्बे थे, किन्तु वे शरीर से बहुत मजबूत थे. वे इस समय छोटी – मोटी नौकरीयां किया करते थे, जैसे चौकीदार, दुकानदार आदि किन्तु अंत में इन्होने एक जनरल स्टोर खोल ली. ये सब कुछ सालों तक चलता रहा. सन 1837 में अब्राहम लिंकन ने राजनीती की ओर कदम बढ़ाया. और वे व्हिग़ पार्टी के नेता बन गए. कई सारे चुनाव लड़े. किन्तु उनको आर्थिक विकास न होने और गरीबों को न्याय दिलाने के कारण उन्होंने फैसला किया कि वे वकील बनेंगे. और उन्होंने वकालत की पढ़ाई शुरू कर दी.
सन 1844 में अब्राहम लिंकन ने विलियम हेर्नदों के साथ वकालत का प्रशिक्षण किया और कुछ समय बाद वे वकील बन गए. वकालत से उन्होंने ज्यादा पैसे नही कमाए, किन्तु उनको उनकी वकालत से मानसिक शांति और संतोष मिलता था. जिसके सामने ये धन दौलत का कोई मोल नही था. वे अपने काम में बहुत ईमानदार थे, उसके किस्से आज भी प्रसिद्ध है.
लिंकन वकालत के समय उन लोगों से ज्यादा पैसे नही लिया करते थे, जो उनकी ही तरह गरीब थे. एक बार एक केस में उनके मुवकिल ने उनको 25 डॉलर दिए किन्तु उन्होंने 10 डॉलर यह कहकर वापस दे दिए कि उनके केस के सिर्फ 15 डॉलर ही होते है. इसी प्रकार एक बार एक महिला का केस जितने के बाद, उनके साथ काम करने वाले वकील ने उनसे ज्यादा पैसे ले लिए किन्तु अब्राहम ने उससे पैसे वापस करने को कहा. वे बहुत ही ईमानदार और सच्चे आदमी थे. उनका कहना था कि “जब कोई अच्छा करता है तो अच्छा महसूस करता है और जब बुरा करता है तो बुरा महसूस करता है” और यही उनका धर्म था.

राजनीति (Abraham Lincoln political career) –
सन 1854 में लिंकन ने फिर से राजनीती में कदम रखा. राजनीती के चलते वे बहुत से चुनाव में खड़े हुए. तब वे व्हिग़ पार्टी से जुड़े हुए थे, किन्तु कुछ समय बाद वह पार्टी खत्म हो गई. 1856 में नए गणतंत्रवाद (Republican) के सदस्य बन गए. इस नई पार्टी के वे बहुत ही काबिल नेता साबित हुए. इस समय वे उप राष्ट्रपति के लिए चुनाव में खड़े हुए और उन्हें बहुत कम वोट मिले, जिससे वे इस चुनाव में हार गए, और उन्होंने राष्ट्र के जरुरी नक़्शे को समझा.

राष्ट्र का पूरा ध्यान केंसास में हो रही हिंसा और डरेड स्कॉट के केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसला की तरफ चला गया था, जोकि नये राज्य में गुलामी के मामले के वाद विवाद पर था. लिंकन को लोग बहुत पसंद करते थे, क्यूकि लिंकन ने देश में हो रही गुलामी की प्रथा को खत्म करने के लिए बहुत से काम किये. उन्होंने एक भाषण में कहा कि -“राष्ट्र का बटवारा नही हो सकता, आधे गुलाम और आधे बिना गुलाम नही रह सकते, सभी एक जुट होकर ही रहेंगे”. अब्राहम लिंकन के इस भाषण और उनके कार्य को देखकर उनका नाम अमेरिका के राष्ट्रपति के लिए चुना गया.

अध्यक्षता (President Abraham Lincoln) –
सन 1860 में अब्राहम लिंकन अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति चुने गए. राष्ट्रपति चुने जाने के बाद भी अब्राहम लिंकन का यही प्रयास रहा कि राष्ट्र से गुलामी की प्रथा खत्म हो जाये. गुलामी की प्रथा दक्षिण और उत्तर राज्यों के बीच थी. दक्षिण राज्य के गोरे निवासी कृषि के लिए उत्तर राज्य के निवासीयों को बुलाते थे और उन्हें गुलाम बना कर रखना चाहते थे. किन्तु अब्राहम लिंकन इस गुलामी की प्रथा को खत्म करना चाहते थे.

1 फरवरी, 1861 में मिसिसिप्पी, फ्लोरिडा, अल्बामा, जेओर्गिया, लौइसिआन और टेक्सास अलग हो गए और एक गृहयुद्ध शुरू हो गया. जैसे -जैसे युद्ध बढ़ता गया, लिंकन ने खुद से वादा किया और देश के लिए उन्मूलनवादी आन्दोलन चलाया, और वे इसमें सफल रहे. 1863 में अंत में बंधक मुक्त की घोषणा की और राज्य में गुलामो की आजादी के डॉक्यूमेंट बन गए, किन्तु मिसौरी, केंसास, नेब्रास्का और अर्कांसस में गुलामों को क़ानूनी दाँव पेंच से आजादी नहीं मिली.
अब्राहम लिंकन ने अमेरिका के गृहयुद्ध जोकि उनके खून, नैतिकता, संविधान, और राजनीति की लड़ाई थी, में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान दिया. इसी के चलते उन्हें बहुत सी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा.

गृहयुद्ध
अमेरिका के उत्तरीय राज्य और दक्षिणीय राज्यों के बीच एक गृहयुद्ध हुआ, जोकि गुलामी की प्रथा को ख़त्म करने के लिए था. दक्षिणीय राज्यों के गोरे लोग खेती करने के लिए उत्तरीय राज्यों के काले लोगों को बुलाकर उन्हें हमेशा के लिए अपना बंधक बनाना चाहते थे. दक्षिणीय राज्य अपना खुद का एक देश बनाना चाहता था और उत्तरीय राज्य गुलामी को खत्म करके एकजुट होकर रहना चाहता था. इसी बीच इन दोनों राज्यों के मध्य एक गृहयुद्ध छिड़ गया जोकि 1861 से लेकर 1865 तक चला और इस गृहयुद्ध में उत्तरीय राज्य की जीत हुई.

यह कहना बस काफी नही होगा की युद्ध सिर्फ गुलामी की प्रथा को खत्म करने के लिए था, अपितु इस युद्ध का कारण अलग-अलग विचारधारा होने के विरोध का परिणाम था. दक्षिण राज्य 17वीं और 18वीं शताब्दी में खेती करने के लिए अफ्रीका से आये गुलामों को हमेशा के लिए गुलाम बनाना चाहते थे, जबकि 1801 में उत्तर राज्य में इस प्रथा के खिलाफ कानून बना दिए थे. उत्तर के निवासी मशीन युग में आर्थिक रूप से बहुत प्रगति करने लगे थे और उनकी जनसंख्या में तेजी से बढ़ोतरी होने लगी. किन्तु दक्षिण के निवासी केवल खेती पर ही आधारित थे. उन्होंने युग के साथ प्रगति नही की और उनकी जनसंख्या में तेजी से बढ़ोतरी नही हुई.

युद्ध के मोर्चे तीन थे समुद्र, मिसिसिप्पी घाटी और पूर्व समुद्र तट के राज्य. दक्षिण तट पर यूरोप से आयात और निर्यात की चीजों में रोक लगा दी गई और वहां के सबसे बड़े नगर न्यू ओरलीएन्स से आत्मसमर्पण करा लिया. मिसिसिप्पी की घाटी में भी दक्षिण राज्य ने बहुत जीतें हासिल की. सन 1863 की शुरुआत उत्तर राज्यों के लिए बहुत कठिन साबित हुई किन्तु जैसे –जैसे युद्ध आगे बढ़ा युद्ध का तख्ता पलट गया. सन 1864 में युद्ध का अंत साफ़ दिखाई देने लगा. उत्तर के राज्यों की जीत हुई, और गृहयुद्ध समाप्त हो गया. युद्ध समाप्त होने के बाद दक्षिण राज्यों के लिए सख्ती नही अपनाइ गई और गुलामी की प्रथा ख़त्म करके गुलामों को आजाद करने का कानून बना दिया गया.

मृत्यु (Abraham Lincoln Death History) –
14 अप्रैल 1865 में अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन डीसी के एक फोर्ड सिनेमाघर में, जाने – माने अभिनेता और सह अपराधी जॉन विल्केस बूथ ने अब्राहम लिंकन की हत्या कर दी. इस तरह एक ईमानदार और देश के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति की मृत्यु हो गई.

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