महेंद्र सिंह धोनी की जीवनी- Inhelpu
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Inhelpuपर आपका स्वागत है।आज मैं आपको महेंद्र सिंह धोनी के जीवन के बारे मैं बताने जा रहा हूँ।
परिचय/Introduction
नाम:- महेंद्र सिंह धोनी
पिता:- पान सिंह
माता:- श्रीमती देवकी देवी
जन्म:- 7 जुलाई 1981
जन्म स्थान:- रांची (झारखण्ड)
उपनाम:- माही,एमएस ,कैप्टन कूल
पत्नी: - साक्षी धोनी
बेटी:- जीवा
बल्लेबाजी की शैली:- दाएं हाथ से
गेंदबाजी की शैली:- दाएं हाथ से मध्यम गति से
भूमिका:- विकेट-कीपर ,बल्लेबाज
पुरस्कार:- पद्म श्री(2009),
आईसीसी वनडे क्रिकेटर ऑफ द ईयर(2008,2009),
आईसीसी वर्ल्ड वन डे इलेवन(2011,2012, 2013),
इंडियन ऑफ़ द इयर इन स्पोर्ट्स(2011),
राजीव गांधी खेल रत्न(2007)
प्रारंभिक जीवन/Early life
धोनी का जन्म रांची, बिहार(झारखण्ड) में हुआ. उनका पैत्रक गाँव लावली (उत्तरखंड) के अल्मोरा जिले में है. उनके पिता-माता उत्तरखंड से रांची चले आये जहां उनके पिताजी श्री पान सिंह मेकोन कंपनी के जूनियर मैनेजमेंट वर्ग में काम करने लगे.धोनी की एक बहन जयंती और एक भाई नरेंद्र है. उनके बचपन के आदर्श खिलाडी सचिन तेंदुलकर थे .
धोनी जे वी एम, श्यामली, रांची, झारखण्ड में पढ़ते थे जहां उन्होंने शुरू से ही बैडमिंटन और फुटबॉल में अपना हुनर प्रदर्शन किया जिस कारण वे जिला व् क्लब लेवल में भी चुने गए. धोनी अपने फुटबॉल टीम के गोलकीपर भी रह चुके है. उन्हें लोकल क्रिकेट क्लब में क्रिकेट खेलने के लिए उनके फुटबॉल कोच ने भेजा था.
हालाँकि उसने कभी क्रिकेट नहीं खेला था, फिर भी धोनी ने अपने विकेट-कीपिंग के कौशल से सबको प्रभावित किया और कमांडो क्रिकेट क्लब के (1995-1998) में नियमित विकेटकीपर बने. दसवी कक्षा के बाद धोनी ने क्रिकेट में अपना ध्यान दिया.
धोनी दक्षिण रेलवे के 2001 से 2003 तक खरगपुर रेलवे स्टेशन पर टीटीई (ट्रेन टिकेट एग्जामिनर) रह चुके है, वे हमेशा उनकी शरराती हरकतों के लिए जाने जाते थे. एक बार, धोनी जब किसी स्टेशन के रेलवे क्वार्टर पर रह रहे थे, तब धोनी और उनके दोस्त ने खुद को सफ़ेद कम्बल से पूरी तरह ढक लिया था और देर रात तक स्टेशन पर घूम रहे थे. वहा पर उपस्थित पहरेदार उन्हें देख कर घबरा गया क्यू की उसे यकीं नहीं हो रहा था की इतनी रात में वहा कोई भुत घूम रहा है. उनकी यही शरारत दुसरे दिन एक बड़ी खबर बन गयी थी.
धोनी एक आक्रमक दाये हात के बल्लेबाज और विकेटकीपर है. धोनी साधारणतः माध्यम वर्ग के बल्लेबाज है लेकिन मैच की दशा और दिशा देखकर वे अपने बेटिंग स्टाइल को बदलते रहते है. क्यू की एक कप्तान की तरह ये उनकी जवाबदारी है. वो एक शक्तिशाली हीटर और सबसे तेजी से रन बनाने वाले बल्लेबाजो में से एक है.
उनके विकेटकीपर की अनोखी स्टाइल को कई क्रिकेट विद्वानों ने भी सराहा. और उन्होंने अपनी विकेट कीपिंग से कई विश्व रिकार्ड्स भी बनाये.
निच्छित ही धोनी आने वाले युवा खिलाडियों के प्रेरणास्त्रोत है.
निच्छित ही धोनी आने वाले युवा खिलाडियों के प्रेरणास्त्रोत है. ऐसा नहीं है की धोनी शुरुवात से ही क्रिकेट जगत में सफल होते गये, उनके सामने कई चुनौतिया आई. कप्तान बनने के बाद कई बार लोगो ने उनकी आलोचना भी की. लेकिन उन्होंने उन आलोचनाओ की ओर ध्यान ना देते हुए अपने खेल को और अधिक सुन्दर बनाने का प्रयास किया. और पूरी भारतीय टीम को विश्व में प्रथम स्थान पर ला खड़ा किया. और आज वे पुरे भारत के चहेते बन गये है.
कई बार लोग किसी काम को इसी वजह से छोड़ देते है की जब वे वो काम करेंगे तो “लोग क्या कहेंगे?”. इस प्रश्न के दिमाग में आते ही कई लोग अपने काम को बिच में ही छोड़ देते है. लेकिन अगर हम किसी भी महापुरुष की जीवनी को देखे तो हमें ऐसा दिखेगा की उन्होंने किसी भी नए काम की शुरुवात लोगो की चिंता किये बिना ही शुरू किया. और बाद में जो लोग उनकी आलोचना करते थे वही लोग उनका साथ देने लगे
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